गंगा दशहरा 2024: तारीख, समय और शुभ मुहूर्त जानें
Ganga Dussehra 2024 :-
गंगा दशहरा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो गंगा नदी के पृथ्वी पर अवतरण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार का धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है, जो भारतीय संस्कृति और समाज में गंगा नदी के पवित्र स्थान को दर्शाता है।
Ganga Dussehra 2024 :- गंगा दशहरा का महत्व
गंगा दशहरा का महत्व भारतीय धार्मिक मान्यताओं में बहुत गहरा है। गंगा नदी को हिंदू धर्म में माँ गंगा के रूप में पूजा जाता है और इसे मोक्षदायिनी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Ganga Dussehra 2024 :- पौराणिक कथा
गंगा दशहरा के पीछे पौराणिक कथा राजा भगीरथ से जुड़ी है। कहा जाता है कि राजा सगर के 60,000 पुत्रों को कपिल मुनि के श्राप के कारण मुक्ति नहीं मिली थी। उनकी आत्माओं को मुक्त करने के लिए राजा भगीरथ ने कठोर तपस्या की और गंगा नदी को धरती पर लाने का वरदान प्राप्त किया। गंगा का अवतरण भगवान शिव के जटाओं में हुआ, जिन्होंने गंगा के प्रवाह को नियंत्रित किया ताकि धरती इसे संभाल सके। इस दिन गंगा नदी का अवतरण पृथ्वी पर हुआ, और इसलिए इसे गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है।
Ganga Dussehra 2024 :- गंगा दशहरा 2024: तारीख और समय
2024 में गंगा दशहरा का पर्व 17 जून को मनाया जाएगा। यह पर्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को पड़ता है। गंगा दशहरा का पुण्यकाल विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, और इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है।
गंगा दशहरा 2024 : का शुभ मुहूर्त
गंगा दशहरा के दिन पूजा और स्नान का शुभ मुहूर्त अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। 2024 में गंगा दशहरा के शुभ मुहूर्त की जानकारी निम्नलिखित है:
- दशमी तिथि प्रारंभ: 17 जून 2024 को सुबह 09:56 बजे
- दशमी तिथि समाप्त: 18 जून 2024 को सुबह 07:49 बजे
गंगा दशहरा के दिन, सूर्योदय के समय गंगा स्नान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। इसलिए, 17 जून 2024 को सूर्योदय से लेकर दशमी तिथि के समाप्त होने तक का समय स्नान, दान और पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
गंगा दशहरा 2024 : गंगा दशहरा के रीति-रिवाज और परंपराएं
गंगा दशहरा के दिन विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और परंपराएं निभाई जाती हैं। इन अनुष्ठानों का उद्देश्य आत्मा की शुद्धि और पापों का नाश करना होता है। आइए जानते हैं गंगा दशहरा के मुख्य रीति-रिवाजों के बारे में:
1. गंगा स्नान – गंगा दशहरा का सबसे प्रमुख अनुष्ठान गंगा नदी में स्नान करना है। माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से दस प्रकार के पापों का नाश होता है। जिन लोगों के लिए गंगा नदी तक पहुँचना संभव नहीं होता, वे घर पर ही स्नान के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करते हैं।
2. पूजा और अर्चना – गंगा दशहरा के दिन गंगा माँ की विशेष पूजा और अर्चना की जाती है। लोग गंगा के किनारे दीप जलाते हैं, फूल अर्पित करते हैं और आरती करते हैं। इस दिन गंगा स्तोत्र और गंगा चालीसा का पाठ करना भी अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
3. दान-पुण्य – गंगा दशहरा के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। इस दिन दान करने से कई गुना पुण्य की प्राप्ति होती है। लोग अनाज, वस्त्र, धन और अन्य सामग्री का दान करते हैं। विशेष रूप से ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान करना शुभ माना जाता है।
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4. कथा वाचन – गंगा दशहरा के दिन गंगा अवतरण की कथा का वाचन और श्रवण किया जाता है। इस कथा को सुनने से व्यक्ति को गंगा माँ की कृपा प्राप्त होती है और उसका जीवन पवित्र होता है।
5. उपवास – कई लोग गंगा दशहरा के दिन उपवास भी रखते हैं। उपवास करने से शरीर और मन की शुद्धि होती है और व्यक्ति को आत्मिक शांति मिलती है।
गंगा दशहरा 2024 : गंगा दशहरा का सांस्कृतिक महत्व
गंगा दशहरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका सांस्कृतिक महत्व भी है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति में गंगा नदी के स्थान को दर्शाता है। गंगा नदी भारतीय सभ्यता की प्रमुख धारा है और इसका जल जीवनदायिनी माना जाता है। गंगा दशहरा का पर्व इस नदी के प्रति सम्मान और श्रद्धा प्रकट करने का अवसर है।
गंगा दशहरा 2024 : गंगा दशहरा और पर्यावरण संरक्षण
आज के समय में गंगा नदी की स्वच्छता और संरक्षण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। गंगा दशहरा के अवसर पर हमें गंगा नदी की स्वच्छता और संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। हमें यह समझना चाहिए कि गंगा नदी केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह हमारे पर्यावरण और जीविका के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।
गंगा दशहरा 2024 : गंगा दशहरा का संदेश
गंगा दशहरा हमें यह सिखाता है कि हमें अपने पापों का प्रायश्चित करना चाहिए और अपने जीवन को पवित्र और शुद्ध रखना चाहिए। यह पर्व हमें आत्मशुद्धि, दान-पुण्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। हमें गंगा नदी के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान को बनाए रखना चाहिए और उसकी स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।
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गंगा दशहरा 2024 :- निष्कर्ष
गंगा दशहरा एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है जो गंगा नदी के पृथ्वी पर अवतरण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 2024 में यह पर्व 17 जून को मनाया जाएगा। इस दिन गंगा स्नान, पूजा, दान-पुण्य और कथा वाचन जैसे धार्मिक अनुष्ठानों का विशेष महत्व है। गंगा दशहरा का पर्व हमें गंगा नदी की पवित्रता और उसके संरक्षण का महत्व समझाता है। हमें इस पर्व के माध्यम से गंगा माँ के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करनी चाहिए और उसके संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। गंगा दशहरा के इस पावन अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ!
- गंगा दशहरा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो गंगा नदी के पृथ्वी पर अवतरण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
- यह पर्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।
- 2024 में गंगा दशहरा का पर्व 17 जून को मनाया जाएगा।
- गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से दस प्रकार के पापों का नाश होता है।
- गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से लेकर दशमी तिथि के समाप्त होने तक रहता है।
- इस दिन गंगा माँ की विशेष पूजा और अर्चना की जाती है।
- गंगा दशहरा के दिन गंगा स्तोत्र और गंगा चालीसा का पाठ करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
- दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है; लोग अनाज, वस्त्र, धन और अन्य सामग्री का दान करते हैं।
- गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी के किनारे दीप जलाए जाते हैं और आरती की जाती है।
- इस पर्व के पीछे पौराणिक कथा राजा भगीरथ और उनके पूर्वजों की मुक्ति से जुड़ी है।
- राजा भगीरथ ने कठोर तपस्या कर गंगा नदी को पृथ्वी पर लाने का वरदान प्राप्त किया।
- गंगा का अवतरण भगवान शिव के जटाओं में हुआ ताकि धरती उसकी शक्ति को संभाल सके।
- गंगा दशहरा का पर्व गंगा नदी की पवित्रता और महत्व को दर्शाता है।
- इस दिन उपवास रखने से शरीर और मन की शुद्धि होती है।
- गंगा दशहरा का सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी है; यह भारतीय सभ्यता और संस्कृति का हिस्सा है।
- गंगा नदी को मोक्षदायिनी माना जाता है और इस दिन गंगा स्नान से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- गंगा दशहरा के अवसर पर लोग गंगा नदी की स्वच्छता और संरक्षण का संकल्प लेते हैं।
- गंगा दशहरा का पर्व हमें आत्मशुद्धि, दान-पुण्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
- इस पर्व के माध्यम से गंगा माँ के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट किया जाता है।
- गंगा दशहरा का संदेश हमें अपने जीवन में शुद्धता, समर्पण और धर्म का पालन करने के लिए प्रेरित करता है।
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जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि….